असली व्यापारी /सुधा भार्गव -
--भैया जी ,इस अंगूठी पर पालिश करा दो और चूड़ियाँ भी दिखा दो I
--बहन जी ,आराम से बैठो ---देखो और बताओ क्या लोगे -चाय या ठंडा I
--बस एक कप चाय I
--अरे सोटू ,कारीगर को ये दे आ - - - -बहन जी की अंगूठी है I इस पर पालिश होनी है Iऔर कहना - - हीरे की मजबूती भी परख ले I
बस जी दस मिनट में आती है आप तो चूड़ियाँ पसंद कीजिए - - - ये पंजाबी तर्ज की हैं ,यह बंगाली चूड़ा है ,ये नर्गिसी कंगन हैं I
मशहूर ज्वैलर अपने ग्राहक से बोला I
--बस - - - बस और मत निकालोI
--अरे दिखाऊंगा नहीं तो आप पसंद कैसे करेंगी !
--ये मीने की चूड़ियाँ दे दीजिये I बात -बात में आधा घंटा हो गया पर अंगूठी नहीं आई I
--बस दस मिनट और - - - इतने मैं आपका बिल बनाये देता हूं I
सोटू अंगूठी लेकर आया I
हीरे की अंगूठी सच में चमचम कर रही थी Iबहन जी ने एक हाथ में मीने की चूड़ियाँ पहनी और दूसरे में अंगूठी I इठलाती -बाल खातीं कार में जा बैठीं I
--एक हफ्ते ही में हीरा धूमिल लगने लगा I दुर्भाग्य से दूसरे हफ्ते छिटक कर वह जमीन पर जा पड़ा I पास ही की दुकान पर अंगूठी ले जाने से पता लगा हीरा तो नकली है I
--बहन जी का तो दिमाग घूम गया I इसलिए नहीं कि करोड़ की लागत का हीरा कुछ हजार का निकला बल्कि इसलिए कि पिछले २५ वर्षों से वह परिवार का ज्वैलर रहा ,जिस पर अटूट विश्वास ,उसने तो न जाने कहाँ -कहाँ सेंध लगाई होगी I
बहन जी यह चोट सहन न कर पाईं I अगले दिन ज्वैलर की दुकान में दनदनाती घुसीं और ग्राहकों के बीच ज्वालामुखी सी फूट पड़ीं I
--हमारे साथ इतना बड़ा धोखा - - - असली की जगह नकली हीरा !जबकि वह तुम्हारी ही दुकान का था I Iपचास हजार का लिया था I अब तो उसका दाम करोड़ होगा I तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था I
--शांत होइये बहन जी --- !क्या करना चाहिए क्या नहीं - - -मुझे इतनी समझ है I आपने ठीक फरमाया मेरी दुकान से ही यह पचास हजार में खरीदा गया था I आज इसकी कीमत बदल गयी है I इसीकारण तो मैंने उसे बदल दिया और पचास हजार का दूसरा लगा दिया I
--तुमने ऐसा क्यों किया ?
--क्योंकि मैं एक व्यापारी हूं I व्यापार में घाटा नहीं सह सकता I मेरा तो काम ही चार से चालीस बनाना है वरना व्यापारी किस बात का I एक करोड़ का हीरा कैसे गँवा सकता था लक्ष्मी जी तो मेरे पास चल कर आई थीं I
व्यापारिक छैनी से ज्वैलर ने विश्वास के पर काट दिये थे और वह खून से लथपथ औंधे मुँह जमीन पर पड़ा सिसक रहा था I
(छवियाँ -गूगल से साभार)
kuchh alag si rachna hai ....padhkar achha laga
जवाब देंहटाएंाच्छी लगी कहानी। धन्यवाद।
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