मूर्छाचक्र
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-तुम डायबिटीज के रोगी - - - !पर मिठाई से इतना मोह !बहुत खतरा है | डाक्टर ने समझाने की कोशिश की |
-किसे ?
-जिन्दगी को |
-कहाँ खतरा नहीं है !रेल में तो ,हवाई जहाज में तो - - -पैदल तो - - - कार में तो - - - | फिर डरना क्या ! मुझे मिठाई बहुत अच्छीलगती है |क्यों छोडूँ ! मरूँ तो परवाह नहीं |
-हो सकता है पॉँच वर्ष अधिक जी लो |
-क्या फर्क पड़ता है पॉँच वर्ष कम या ज्यादा |एक दिन मौत तो आयेगी ही |
-हाँ , मौत तो आयेगी ही |मगर तुम किस प्रकार मरना पसंद करोगे ?एक तो वह आये ,तुम हँसते -हँसते उसका स्वागत करो औरशांत हो जाओ | दूसरे , वह आये अपने साथ काँटे लाये ,उनकी चुभन से तुम तड़पते -कराहते जाओ |
सुनने वाले का मूर्छा चक्र टूटने लगा |
वह चिल्लाया -समझ गया - - -समझ गया |
-क्या समझे !
-यही कि शान से जीते हो तो मरना भी शान से है |
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बहुत सुन्दर जीने काढंग सिखाती लघु कथा के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में गहरी बात
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसटीक लधुकथा-उम्दा संदेश!!
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