लघुकथा वह जो सीधी दिल में उतर जाए !
पहली रात
बंसी बिहार का रहनेवाला गबरू जवान है !
गाँव के मुखिया का चौकीदार होते हुए
भी उसके लड़के से बंसी का याराना है !
पिछले हफ्ते ही तो बंसी की शादी रनिया
से हुई है ! सुना है मुंह दिखाई में मुखिया
की हवेली से उसे एक सोने का हार और
सितारों जड़ी सुन्दर सी साड़ी मिली !यह
भी कहा गया -पहली रात वह यही हार
और रेशमी साड़ी पहनेगी !अब इसे हुक्म
समझो या अपनापन !
विवाह के बाद रमिया पहली बार मायके
गई !बंसी मालिक की खिदमत में रहा !
रमिया की सहेलियों ने उसे घेर लिया
और चुहलबाजी करने लगीं --बतारी,
जीजा जी कैसे हैं ? वे तुझसे क्या बोले ? प्रश्नों की
झड़ी ने उसकी छिपी वेदना पर अंगारे
रख दिए !सिसकियों के बीच उसके
मुंह से निकल गया --'पहली रात मुखिया
के लड़के के साथ सोयी थी !'
* * *
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें