||पुरुष ||
एक नर्स ने पोलियो ड्राप्स देने को दरवाजा खटखटाया !अंक में बच्चे को छिपाए बुढ़िया ने दरवाजा खोला ! तेजी से बोली -'चले जाओ !हम बच्चे को ड्राप्स नहीं दिलवा सकते !'
'लेकिन यह तो पूरा कंकाल है !इलाज तो करना ही होगा !'नर्स सकते में आ गयी थी !
'इलाज तो क्या ,हम एक बूंद दूध भी नहीं पिला सकते इस बदनसीब को जबकि चार -चार भैसें खूंटे से बंधी खड़ी हैं !''
'मगर ऐसा क्यों ?'
'इसके बाप ने मना किया है !माँ -बाप का तलाक़ हो चुका है! सारा गुस्सा इस निर्बोध पर निकलता है !
'फिर इसे अपने पास नहीं रखना चाहिए !'
'तो क्या सांपिन को दे दूँ "!
'उसने मुझे दंश दिया ,मैं उसे तिल -तिल मारूंगा !यह सिसकेगा तो वह भी सिसकेगी !मेरे कलेजे को कुछ तो ठंडक मिलेगी !'एक युवक पागल सा कमरे से निकलकर दहाड़ने लगा !
'यह मासूम तो प्रगाढ़ता और प्यार का प्रतीक है !इसे तुम दुनिया में लाए हो !पिता होने के नाते उचित रूप से इसका पालन करो !'
'खूब कहा मैडम आपने तो !इसे पालू और अपना वारिस बना दूँ !सांपिन का बच्चा संपोला ही निकलेगा !इसे मरना होगा !'
'कैसे बाप हो तुम !नर्स ने भौंह तिरछी की !'
'बाप !किसने कहा मैं इसका बाप हूँ !इसकी माँ को जरुर जानता हूँ !'
'तब तुम कौन हो ?'
'एक प्रताडित पुरुष !'
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