सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

हिन्दी साहित्य एक विशाल समुद्र है जिसकी हर लहर एक शुभ्र विधा है | जब यह लहर सहज सार्थकता के सांचे में ढली हृदय के कोने सौन्दर्य देखते ही बनता है
| इसी को ध्यान में रखते हुए इस ब्लॉग का आरम्भ किया है | इसका सदैव प्रयास रहेगा स्वस्थ , अर्थयुक्त और उद्देश्य पूर्ण सृजन |

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