तूलिकासदन
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
छटा अंक लघुकथा कलश अंक 2021
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संस्मरणात्मक आलेख ( लघुकथा से सम्बंधित संस्मरणात्मक आलेख-लघुकथाकलश का छठा अंक-आलेख विशेषांक/जुलाई-दिसंबर/ 5 जुलाई) एक नया अध्याय /सु...
गुरुवार, 22 अगस्त 2024
संरच ना वार्षिकी 2023 /समय ,समाज ,और साहित्य का परिदृश्य
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लघुकथा /सुधा भार्गव एक जमाने के अवशेष "माँ -माँ मुझे कुछ फोटूयेँ भेज दो।" मोबाइल से आती आवाज माँ के कानों से टकराई। माँ है...
शनिवार, 4 मई 2024
स्नेह भरे वे पल
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बलराम भाई जी के घर पर धरना कुछ दिन पहले भाइयों से मिलने दिल्ली जाना हुआ। बलराम भाई जी से भी मिलने गई नोएडा उनकी नए आवास स्थल प...
रविवार, 3 मार्च 2024
तीसरा लघुकथा संग्रह
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'लालटेन' लघुकथा संग्रह सुधा भार्गव वरिष्ठ साहित्यकार व सुप्रसिद्ध लघुकथाकार श्री बलराम अग्रवाल जी के शब्दों में -"कोमल संव...
सोमवार, 10 अप्रैल 2023
प्रयोगात्मक लघुकथाएं
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लघुकथा कलश का प्रयोगात्मक लघुकथा विशेषांक 2023 में प्रकाशित मेरी दो लघुकथाएं - साथ ही योगराज प्रभाकर जी का बहुत बहुत धन्यवाद जिनके कारण ...
मंगलवार, 27 दिसंबर 2022
द अंडरलाइन पत्रिका दिसंबर 2002 लघुकथा विशेषांक में प्रकाशित
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अंकुर किटकू का नियम था कि शाम को जैसे ही फुटबॉल खेलकर लौटता उसके जूते- मौज़े हवा में कलाबाज़ियाँ करते दिखाई देते और फुट बॉल लुढ़कत...
रविवार, 26 जून 2022
लघुकथा
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लघुकथा कलश में प्रकाशित मेरी एक लघुकथा औलाद है मेरी "अब अपना काम भी समेटो और सामान भी। आखिर बुढ़ापा है माँ तुम्हारा । हमें तो य...
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मंगलवार, 19 अप्रैल 2022
लघुकथा -स्वर्ण जयंती विशेषांक
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माँ का प्रतिरूप सुधा भार्गव
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