tag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post4476101753164659315..comments2023-10-17T19:21:23.529+05:30Comments on तूलिकासदन: लघुकथा - ----धामसुधाकल्पhttp://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-89429483113980482152011-12-22T19:01:31.393+05:302011-12-22T19:01:31.393+05:30बहुत सुन्दर रचनाबहुत सुन्दर रचनाMamta Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/00085992274136542865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-90421199742436366302011-06-29T10:46:12.271+05:302011-06-29T10:46:12.271+05:30आज आपको और आपके बारे में जानने का अवसर रश्मी जी क...आज आपको और आपके बारे में जानने का अवसर रश्मी जी के ब्लॉग पर मिला यूं लगा कब से परिचित हूं आपसे ...यह आपका व्यक्तित्व है या उनकी लेखनी का जादू कुछ समझ नहीं पाई और यह लघुकथा एक सच की बानगी है...आभार सहित शुभकामनाएं आपके लेखन के लिये ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-63494444365490781182011-06-28T21:29:41.704+05:302011-06-28T21:29:41.704+05:30रश्मि दी के परिचय से यहाँ तक पहुंची हूँ ...
अच्छा ...रश्मि दी के परिचय से यहाँ तक पहुंची हूँ ...<br />अच्छा लगा आपका परिचय पाकर ...<br />आपका ब्लॉग भी ज्वाइन कर लिया है ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-77751181481165245012011-06-28T21:26:46.796+05:302011-06-28T21:26:46.796+05:30सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष ...!!
होता ऐसा ही है .....सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष ...!!<br />होता ऐसा ही है ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-53640556677043374342011-06-28T19:41:31.916+05:302011-06-28T19:41:31.916+05:30आपकी लघुकथा ने मेरे अतीत का पन्ना खोल के रख दिया
...आपकी लघुकथा ने मेरे अतीत का पन्ना खोल के रख दिया <br />सब कुछ मानस पर वैसे ही अंकित था जैसे आपने लिखा <br />बहुत बेदर्द है ये समाज ...इनकी शिकायते कभी खत्म नहीं हुई और ना ही होंगी <br />आज ही आपका ब्लॉग ज्वाइन किया ...ख़ुशी के साथ ...एक दर्द उभरा <br /> अब आना होता रहेगा आपके यहाँ ....आभार.........Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-37755479099402955302011-06-28T18:20:49.155+05:302011-06-28T18:20:49.155+05:30हम येसे समाज से और क्या उम्मीद कर् सकते हैं....हम येसे समाज से और क्या उम्मीद कर् सकते हैं....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-49034909786246744082011-05-28T11:25:50.325+05:302011-05-28T11:25:50.325+05:30bahut sateek laghu katha.bahut sateek laghu katha.Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-60540728472274076302011-05-25T19:06:17.067+05:302011-05-25T19:06:17.067+05:30मित्रवर
आपके विचारों व भावनाओं की रो्शनी में मेरा...मित्रवर <br />आपके विचारों व भावनाओं की रो्शनी में मेरा मार्ग प्रशस्त हुआ। आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत है ।<br />साभार<br />सुधा भार्गवसुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-23784424682763347242011-05-25T18:34:47.413+05:302011-05-25T18:34:47.413+05:30पञ्च...ओह क्या कहूँ....
लघु कलेवर में विद्रूपता,व...पञ्च...ओह क्या कहूँ....<br /><br />लघु कलेवर में विद्रूपता,विसंगति पर कठोर प्रहार किया है आपने...<br /><br />लाजवाब लघुकथा...<br /><br />अनुसरण कर लिया है आपके ब्लॉग का अब नियमित पढ़ते रहने का सुअवसर मिलेगा...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-66635320671689754032011-05-24T10:17:35.562+05:302011-05-24T10:17:35.562+05:30सच्चाई बयाँ करती एक मार्मिक और मुकम्मल कथा. शुभकाम...सच्चाई बयाँ करती एक मार्मिक और मुकम्मल कथा. शुभकामनाएँ. आभार !Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-50051310337466964742011-05-24T06:17:05.871+05:302011-05-24T06:17:05.871+05:30अच्छी और सादगी से कही गयी कथा।अच्छी और सादगी से कही गयी कथा।भारतेंदु मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07653905909235341963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-53053927498265611102011-05-24T02:36:58.443+05:302011-05-24T02:36:58.443+05:30क्या कहा जाय...यही समाज है.क्या कहा जाय...यही समाज है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-37746475359707897062011-05-23T03:36:35.274+05:302011-05-23T03:36:35.274+05:30उत्साही जी
धन्यवाद!
शब्द ठीक कर दिया गया है। आगे ...उत्साही जी <br />धन्यवाद!<br />शब्द ठीक कर दिया गया है। आगे भी सहयोग बनाये रखिये।<br />सुधा भार्गवसुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-83745065865984910292011-05-22T15:56:16.539+05:302011-05-22T15:56:16.539+05:30सुधा जी, आपकी श्यामा शायद कहना चाहती है कि 'उ...सुधा जी, आपकी श्यामा शायद कहना चाहती है कि 'उजड़ी मांग का जायजा लेने आए थे।' शायद गलती से जायका शब्द आ गया है। <br />*<br />बहरहाल लघुकथा अपने उद्देश्य को प्राप्त करती है। इस तरह के सवालों के जवाब ऐसे ही देने होंगे।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-68651814718318146822011-05-21T11:52:45.429+05:302011-05-21T11:52:45.429+05:30Bahut khoob.
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ये है खुशियों का विज्ञान...Bahut khoob.<br />............<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ये है खुशियों का विज्ञान!</a></b><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">मिल गया है ब्लॉगिंग का मनी सूत्र!</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-77758300341630410892011-05-21T11:06:57.167+05:302011-05-21T11:06:57.167+05:30इस बार माफ कीजिये। अगली बार आपको शिकायत का मौका नह...इस बार माफ कीजिये। अगली बार आपको शिकायत का मौका नहीं दिया जायेगा । मैं बैकुंठ -धाम जल्दी ही जाऊंगी।<br /><br />सब कुछ कह दिया ... ऐसी घडी में भी लोंग उलाहना देने से बाज़ नहीं आते ... सोचने को बाध्य करती लघु कथासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-57303486454843952812011-05-21T09:07:56.190+05:302011-05-21T09:07:56.190+05:30समर्थ कटाक्षसमर्थ कटाक्षM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-68702570420404016562011-05-21T00:02:14.715+05:302011-05-21T00:02:14.715+05:30झूठी सहानुभूती पर करारा कटाक्ष करती लघुकथा।झूठी सहानुभूती पर करारा कटाक्ष करती लघुकथा।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-38994346192676096272011-05-20T23:28:03.397+05:302011-05-20T23:28:03.397+05:30मृत्यु जैसी घटना भी व्यापार व व्यवहार-बुद्धि से पर...मृत्यु जैसी घटना भी व्यापार व व्यवहार-बुद्धि से परे नही है । इससे बडी विडम्बना क्या होगी । यह रचना इस तथ्य को कठोरता से प्रस्तुत कर रही है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-91052026066229602812011-05-20T22:55:05.413+05:302011-05-20T22:55:05.413+05:30आत्मीय भावों के समाज के अनुसार बदलते रूप,गंभीर चिं...आत्मीय भावों के समाज के अनुसार बदलते रूप,गंभीर चिंतन को बाध्य करती हुई रचना ....Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-20512885280550341182011-05-20T20:54:36.098+05:302011-05-20T20:54:36.098+05:30रश्मि जी
मेरी श्यामा को राहत मिली -कोई तो है जो क...रश्मि जी <br />मेरी श्यामा को राहत मिली -कोई तो है जो कंटीली राह पर उसका मददगार होगा।सुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-76669622826826059972011-05-20T20:14:39.663+05:302011-05-20T20:14:39.663+05:30शोक को भी लोग आमंत्रित करने वाला अवसर समझते है. दु...शोक को भी लोग आमंत्रित करने वाला अवसर समझते है. दुःख बांटने के लिए उलाहना नहीं दिया जाता. जो साथ होता है वो सब तरह से साथ होता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-773144874233324716.post-18457599026920030482011-05-20T19:43:19.306+05:302011-05-20T19:43:19.306+05:30मौन दर्द की घुटन से परे ये लोग ! .... मैंने श्यामा...मौन दर्द की घुटन से परे ये लोग ! .... मैंने श्यामा को गले से लगाया है - श्यामा तुम्हारे दर्द में मैं हूँ , कभी जब दिल न लगे मुझसे बातें करना -रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com